• Shri Bhagavad Gita Chapter 18 | श्री भगवद गीता अध्याय 18 | श्लोक 59

  • 2024/12/23
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Shri Bhagavad Gita Chapter 18 | श्री भगवद गीता अध्याय 18 | श्लोक 59

  • サマリー

  • अहम् का मोह और प्रकृति का प्रभाव - भगवद गीता अध्याय 18 श्लोक 59 | Shrimad Bhagavad Gita 18.59

    Description:
    भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं: "यदि तुम अहंकार के प्रभाव में आकर सोचते हो कि युद्ध नहीं करोगे, तो यह तुम्हारा मिथ्या विचार है। प्रकृति के नियमों से बंधे हुए तुम अवश्य वही करोगे, जो तुम्हारी प्रकृति द्वारा निर्धारित है।" यह श्लोक कर्तव्य, अहंकार के भ्रम और प्रकृति के अटल नियमों को समझाता है।

    Hashtags:
    #BhagavadGita #GeetaShlok #DutyAndDestiny #EgoAndNature #KrishnaWisdom #SpiritualAwakening #LifeLessons #KarmaPhilosophy #SelfRealization #भगवद्गीता #श्रीकृष्ण #कर्तव्यबोध #अहंकार #प्रकृति_का_प्रभाव #आध्यात्मिकज्ञान

    Tags:
    भगवद गीता, गीता श्लोक, अध्याय 18, श्लोक 59, श्रीकृष्ण उपदेश, कर्तव्य और भाग्य, आत्मज्ञान, अहंकार का त्याग, धर्म और जीवन के सिद्धांत, भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिक ज्ञान।

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あらすじ・解説

अहम् का मोह और प्रकृति का प्रभाव - भगवद गीता अध्याय 18 श्लोक 59 | Shrimad Bhagavad Gita 18.59

Description:
भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं: "यदि तुम अहंकार के प्रभाव में आकर सोचते हो कि युद्ध नहीं करोगे, तो यह तुम्हारा मिथ्या विचार है। प्रकृति के नियमों से बंधे हुए तुम अवश्य वही करोगे, जो तुम्हारी प्रकृति द्वारा निर्धारित है।" यह श्लोक कर्तव्य, अहंकार के भ्रम और प्रकृति के अटल नियमों को समझाता है।

Hashtags:
#BhagavadGita #GeetaShlok #DutyAndDestiny #EgoAndNature #KrishnaWisdom #SpiritualAwakening #LifeLessons #KarmaPhilosophy #SelfRealization #भगवद्गीता #श्रीकृष्ण #कर्तव्यबोध #अहंकार #प्रकृति_का_प्रभाव #आध्यात्मिकज्ञान

Tags:
भगवद गीता, गीता श्लोक, अध्याय 18, श्लोक 59, श्रीकृष्ण उपदेश, कर्तव्य और भाग्य, आत्मज्ञान, अहंकार का त्याग, धर्म और जीवन के सिद्धांत, भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिक ज्ञान।

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