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サマリー
あらすじ・解説
भगवद्भक्ति में चित्त को स्थिर करो | श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 18 श्लोक 57
Description:
श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय 18 के श्लोक 57 में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को उपदेश देते हैं कि सभी कर्मों को मुझमें समर्पित करके मुझ पर केंद्रित हो जाओ। बुद्धियोग का आश्रय लेकर अपने मन को मुझमें स्थिर करो। यह श्लोक समर्पण, भक्ति, और आत्मनियंत्रण की महत्ता को स्पष्ट करता है।
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