• Shri Bhagavad Gita Chapter 18 | श्री भगवद गीता अध्याय 18 | श्लोक 61

  • 2024/12/25
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Shri Bhagavad Gita Chapter 18 | श्री भगवद गीता अध्याय 18 | श्लोक 61

  • サマリー

  • ईश्वरः सर्वभूतानां - भगवद गीता अध्याय 18 श्लोक 61 | Shrimad Bhagavad Gita 18.61

    Description:
    भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं: "हे अर्जुन! परमेश्वर सभी जीवों के हृदय में विराजमान हैं और अपनी दिव्य माया से उन्हें यंत्र पर चढ़े हुए प्राणियों की तरह संचालित करते हैं।" यह श्लोक ब्रह्मांड की परम शक्ति और जीवों के साथ उसके अटूट संबंध को दर्शाता है।

    Hashtags:
    #BhagavadGita #GeetaShlok #DivinePresence #KrishnaWisdom #SpiritualAwakening #SelfRealization #SupremeLord #SpiritualJourney #EternalTruth #भगवद्गीता #श्रीकृष्ण #अध्यात्मिकज्ञान #ईश्वरकीकृपा #आध्यात्मिकता

    Tags:
    भगवद गीता, गीता श्लोक, श्रीमद भगवद गीता, अध्याय 18, श्लोक 61, भगवान कृष्ण के उपदेश, ईश्वर का निवास, जीवन का सत्य, आत्मज्ञान, ब्रह्मांड की शक्ति, आध्यात्मिक मार्गदर्शन।

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あらすじ・解説

ईश्वरः सर्वभूतानां - भगवद गीता अध्याय 18 श्लोक 61 | Shrimad Bhagavad Gita 18.61

Description:
भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं: "हे अर्जुन! परमेश्वर सभी जीवों के हृदय में विराजमान हैं और अपनी दिव्य माया से उन्हें यंत्र पर चढ़े हुए प्राणियों की तरह संचालित करते हैं।" यह श्लोक ब्रह्मांड की परम शक्ति और जीवों के साथ उसके अटूट संबंध को दर्शाता है।

Hashtags:
#BhagavadGita #GeetaShlok #DivinePresence #KrishnaWisdom #SpiritualAwakening #SelfRealization #SupremeLord #SpiritualJourney #EternalTruth #भगवद्गीता #श्रीकृष्ण #अध्यात्मिकज्ञान #ईश्वरकीकृपा #आध्यात्मिकता

Tags:
भगवद गीता, गीता श्लोक, श्रीमद भगवद गीता, अध्याय 18, श्लोक 61, भगवान कृष्ण के उपदेश, ईश्वर का निवास, जीवन का सत्य, आत्मज्ञान, ब्रह्मांड की शक्ति, आध्यात्मिक मार्गदर्शन।

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