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サマリー
あらすじ・解説
योगेश्वर कृष्ण देवत्व की सर्वाधिक सुलभ व सरस अवधारणा के अद्वितीय प्रतीक हैं। उन्हें दो युगों में हमारी दो अलग-अलग माताओं ने प्रेम किया और दोनों केवल उस प्रेम की आभा से अनंत काल के लिए अमर भी हो गयीं। परम स्नेही, सनातन की वैदुष्य भरी युवता के प्रतीक बंधुश्रेष्ठ पूज्य पुंडरीक जी महाराज की उपस्थिति में, अपने-अपने श्याम ऊर्जा-सत्र के दौरान उनके कालजयी सम्मोहन की व्याख्या करता, हमारी माँ मीरा की भक्ति का यह प्रसंग आप सबकी आस्तिकता को सादर समर्पित है।