• आत्मा शाश्वत, सर्वव्यापी, अपरिर्वतनीय, अचल और अनादि है | श्लोका - Everyday

  • 2024/12/04
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आत्मा शाश्वत, सर्वव्यापी, अपरिर्वतनीय, अचल और अनादि है | श्लोका - Everyday

  • サマリー

  • आत्मा अखंडित और अज्वलनशील है, इसे न तो गीला किया जा सकता है और न ही सुखाया जा सकता है। यह आत्मा शाश्वत, सर्वव्यापी, अपरिर्वतनीय, अचल और अनादि है

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あらすじ・解説

आत्मा अखंडित और अज्वलनशील है, इसे न तो गीला किया जा सकता है और न ही सुखाया जा सकता है। यह आत्मा शाश्वत, सर्वव्यापी, अपरिर्वतनीय, अचल और अनादि है

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